महाकुंभ में सोमवार को हुई धर्म संसद में PM से सनातन बोर्ड बनाने की मांग की गई। 13 अखाड़े और सभी 4 शंकराचार्य इसमें शामिल नहीं हुए।
धर्म संसद में जगद्गुरु विद्या भास्कर ने PM मोदी से संसद में वर्शिप एक्ट को खत्म करने की मांग की। उन्होंने कहा- हम इस संबंध में सरकार को मांगपत्र भी भेज रहे हैं। नारा दिया गया- “संभल, मथुरा, विश्वनाथ, तीनों लेंगे एक साथ।”
अयोध्या से आए वल्लभदास महाराज ने नारा दिया- रामलला हम आएंगे, मंदिर हर जगह बनाएंगे।
धर्म संसद में करीब 5 हजार साधु-संत और भक्त मौजूद हैं। जगद्गुरु श्रीजी महाराज, जगद्गुरु विद्या भास्कर, जगद्गुरु वल्लभाचार्य, चिन्मयानंद बापू, साध्वी प्राची, महंत राजू दास, साध्वी सरस्वती, जगद्गुरु सूर्याचार्य आदि मौजूद हैं।
क्या है वर्शिप एक्ट, जिसे खत्म करने की मांग की गई वर्शिप एक्ट के अनुसार, 15 अगस्त 1947 से पहले जो धार्मिक स्थल जिस रूप में था या है, वह उसी रूप में रहेगा। उसे बदला नहीं जा सकेगा।
देवकीनंदन ठाकुर ने कहा- बहुत सह लिया, अब न सहेंगे। अपना हक लेकर रहेंगे। पाकिस्तान छोड़कर हिंदू आए, उनकी जगह कहां गई। पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू बोर्ड नहीं है तो हिंदुस्तान में वक्फ बोर्ड क्या कर रहा है? अखाड़ों के बायकॉट पर देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, लोगों में चर्चाएं थीं कि मैं सनातन बोर्ड का अध्यक्ष बनना चाहता हूं, इसलिए ये सब कर रहा हूं। आज मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मुझे कोई पद प्रतिष्ठा नहीं चाहिए। मैं शपथ खाकर कहता हूं कि मुझे कोई पद की इच्छा नहीं थी। मैं तो बस सनातन की रक्षा चाहता हूं।
देवकीनंदन ठाकुर ने एक शपथ पत्र भी जगद्गुरु श्रीजी महाराज और जगद्गुरु विद्या भास्कर को सौंपा, जिसमें उन्होंने सनातन बोर्ड में कोई भी पद नहीं लेने की बात दोहराई है।