“अर्ली टू बेड एंड अर्ली टू राइज, मेक्स ए मैन हेल्दी, वेल्दी एंड वाइज।” (रात में जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने से व्यक्ति स्वस्थ, समृद्ध और बुद्धिमान होता है।) महान अमेरिकी लेखक और वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रैंकलिन का ये कथन आपने भी सुना होगा। बेंजामिन को संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) का फाउंडिंग फादर भी कहा जाता है।
हालांकि जल्दी सोने और जल्दी उठने का सही समय हमेशा विवादों में रहा है। इसके बावजूद रात 8 बजे से सुबह 4 बजे का समय नींद के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। दुनिया के ज्यादातर सफल लोग रात में 8 बजे सोते हैं और सुबह 4 बजे उठते हैं।
यह हमारी बॉडी की इंटरनल नेचुरल क्लॉक यानी सर्केडियन रिद्म के मुताबिक भी एकदम परफेक्ट है। इस क्लॉक की मदद से शरीर यह तय करता है कि उसे कब सोना और कब जागना है। ये क्लॉक यह भी याद दिलाती है कि किस समय कौन सा काम करना है।
इस रुटीन से अच्छी नींद आती है। शारीरिक और मानसिक सेहत सुधरती है। दिन में काम करने के लिए दूसरों के मुकाबले ज्यादा समय मिलता है।
इसलिए ‘सेहतनामा’ में आज जानेंगे कि रात में 8 बजे सोने और सुबह 4 बजे उठने के क्या फायदे हैं। साथ ही जानेंगे कि-
- ये रुटीन फॉलो करने से क्या फायदे होंगे?
- इसे बरकरार रखने के लिए क्या करना चाहिए?
फॉलो करें नेचुरल क्लॉक
प्रकृति के कुछ तय नियम हैं। दिन में सूरज उगने पर उजाले में सारे काम करने होते हैं। सूरज डूबने के बाद अंधेरा होने पर रात का समय सोने के लिए है। अगर सभी काम इस प्राकृतिक नियम के मुताबिक किए जाएं तो सकारात्मक परिणाम मिलते हैं और स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
हमारी बॉडी की नेचुरल क्लॉक भी प्रकृति के इसी नियम को फॉलो करती है। इसके मुताबिक, रोज रात 8 बजे से सुबह 4 बजे तक सोने से स्लीप क्वालिटी इंप्रूव होती है और सेहत में सुधार होता है।