Tuesday, June 3, 2025
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दावा- बांग्लादेशी सेना में तख्तापलट की साजिश:कट्टरपंथी अफसरों का भारत समर्थक आर्मी चीफ को हटाने का प्लान, इसमें पाकिस्तान भी शामिल

बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बाद अब वर्तमान सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान के तख्तापलट की भी साजिश रची जा रही है। इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक बांग्लादेशी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैजुर रहमान सेना की बागडोर संभालने की तैयारियों में जुटे हैं। इस साजिश में कई कट्टरपंथी अफसर भी शामिल हैं।

फैजुर रहमान ने पिछले हफ्ते ढाका में पाकिस्तान की सीक्रेट एजेंसी ISI के प्रमुख और उसके प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की थी। इसके साथ ही वो बांग्लादेश की खुफिया एजेंसी DGFI से समर्थन जुटाने की कोशिश कर सकते हैं।

वकार-उज-जमान को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और भारत का समर्थक माना जाता है। उन्होंने 5 अगस्त को तख्तापलट के बाद शेख हसीना को बांग्लादेश से निकलने में मदद की थी। जबकि इसके उलट मोहम्मद फैजुर रहमान अपनी कट्टरपंथी सोच और पाकिस्तान समर्थक रुख के लिए जाने जाते हैं।

39 साल से आर्मी में हैं वकार-उज-जमान बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वकार-उज-जमान पिछले 39 साल से बांग्लादेश की सेना में हैं। बांग्लादेश सैन्य अकादमी से ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ बांग्लादेश से डिफेंस स्टडी में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। इसके अलावा उन्होंने लंदन के किंग्स कॉलेज से डिफेंस स्टडी में MA की डिग्री ली है।

नवंबर 2020 में उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में प्रमोशन किया गया था। वे इन्फेंट्री ब्रिगेड, स्कूल ऑफ इन्फेंट्री एंड टैक्टिक्स और आर्मी हेडक्वार्टर्स की कमान संभाल चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में भी वकार ने काम किया है।

सेना प्रमुख का पदभार संभालने से पहले वह करीब 6 महीने सेना के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ रहे। 23 जून 2024 को वे चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ यानी बांग्लादेश के सेना प्रमुख बने।

वकार-उज-जमान की शादी शेख हसीना की कजिन से हुई वकार, शेख हसीना के काफी क्लोज रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश सेना प्रमुख की पत्नी बेगम साराहनाज कामालिका रहमान शेख हसीना के चाचा मुस्तफिजुर रहमान की बेटी हैं। मुस्तफिजुर रहमान 1997 से 2000 तक सेना की बागडोर संभाल चुके हैं। इस दौरान शेख हसीना बांग्लादेश की प्रधानमंत्री भी थीं।

आरक्षण के खिलाफ आंदोलन ने किया था तख्तापलट

बांग्लादेश में 5 जून को हाईकोर्ट ने जॉब में 30% कोटा सिस्टम लागू किया था, इसके बाद से ही ढाका में यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट कर रहे थे। यह आरक्षण स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को दिया जा रहा था। यह आरक्षण खत्म कर दिया गया तो छात्रों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग शुरू कर दी।

देखते ही देखते बड़ी संख्या में छात्र और आम लोग प्रधानमंत्री और उनकी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए। इस प्रोटेस्ट के दो महीने बाद 5 अगस्त को शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गईं। इसके बाद सेना ने देश की कमान संभाल ली।

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