जीरोधा के को-फाउंडर निखिल कामत मखाना की बढ़ती लोकप्रियता को बड़ी बिजनेस अपॉरच्युनिटी की तरह देख रहे हैं। वह खुद भी मखाना खाते हैं और इसके फायदों पर लट्टू हैं।
भारत में मखाना नया फूड नहीं है। हमारे पूर्वज व्रत में एनर्जेटिक बने रहने के लिए मखाने खाते थे। जब कोई बीमार होता तो उसे दूध-मखाना खिलाया जाता था। लोग अभी भी व्रत और रिकवरी में मखाने पर खूब भरोसा करते हैं।
मखाने पर इस भरोसे की वजह इसकी न्यूट्रिशनल वैल्यू है। इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन और फाइबर होता है। मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे महत्वपूर्ण मिनरल्स होते हैं। इससे शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है, वेट लॉस में मदद मिलती है और हार्ट हेल्थ इंप्रूव होती है। इसलिए इसे सुपरफूड भी कहते हैं।
इसलिए ‘सेहतनामा’ में आज मखाना की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-
- इसकी न्यूट्रिशनल वैल्यू क्या है?
- देश-दुनिया में इसकी मांग क्यों बढ़ रही है?
- इसके क्या हेल्थ बेनिफिट्स हैं?